स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। लेकिन कुछ ऐसे डाउनट्रेंड या करेक्शन आते हैं जिसमें मार्केट बहुत गिर जाता है और निवेशक खासकर छोटे छोटे निवेशक डर कर अपना पैसा लॉस करके भी निकालने लगते हैं।
ऐसे क्रैश में जो डट कर खड़ा रहता है और सोच समझकर पैसा निवेश करता है वही सफल हो सकता है। स्टॉक मार्केट से पैसा कमाना इतना भी आसान नहीं है। आज हम स्टॉक मार्केट में हुए बड़े-बड़े क्रैश के बारे में जानेंगे।
1929 ka The Great Crash
इस क्रैश को द वॉल स्ट्रीट क्रैश 1929 (The Wall Street Crash) भी कहते हैं। 1921 में dow-jones की वैल्यू चल रही थी 65 पॉइंट पर। यह वैल्यू 1929 तक 6 गुना बढ़कर 380 पॉइंट्स के आसपास हो जाती है।
इस क्रैश की शुरुआत नवंबर 1929 में होती है। पहले 15 दिन में ही डाउ जॉन्स 50% टूट जाता है। स्टॉक मार्केट का यह क्रैश अप्रैल 1932 तक शुरू रहता है। 1932 में डाउ जॉन्स की वैल्यू रह जाती है सिर्फ 41 पॉइंट्स। यह क्रैश 89% का था। अगर करेक्शन से पहले ही किसी ने खरीदारी की होगी तो कॉस्ट टू कॉस्ट आने में 1954 तक का समय लग जाता है। यानी डाउ जॉन्स फिर से अपने महत्तम लेवल पर आने में करीबन 20 साल लगा देता है।
इस क्रैश का मुख्य कारण था ओवर लेवरेज (Over Leverage) जो आज भी मेजॉरिटी लॉस का कारण होता है। उस समय लोगों ने अपनी सारी सेविंग स्टॉक मार्केट में लगा दी थी। यहां तक कि लोग उधार लेकर भी मार्केट में निवेश करते थे।
1987 ka The Black Monday crash
1929 के बाद यूएस स्टॉक मार्केट में आया अक्टूबर 1987 का क्रैश। यह क्रैश सबसे बड़े यूएस स्टॉक मार्केट करेक्शन (US stock market correction) में से एक था।
अक्टूबर 19, 1987 सोमवार के दिन अमेरिकी स्टॉक मार्केट में 22.6 प्रतिशत की गिरावट होती है और मार्केट 508 पॉइंट्स टूट जाता है। पूरे अक्टूबर महीने में टोटल 769 पॉइंट की गिरावट होती है। यह गिरावट 1929 की गिरावट से भी ज्यादा कह सकते हैं। क्योंकि उस समय अमेरिकी मार्केट बहुत छोटा था।
इस क्रैश का मुख्य कारण यह था कि यूएस फेडरल गवर्नमेंट ने अनुमान से भी ज्यादा की ट्रेड डिफिसिट की घोषणा की कर दी थी और साथ में डॉलर की वैल्यू भी गिर गई थी। साथ में कई अन्य कारण भी थे।
Dot Com Bubble crash
1995 में Nasdaq की वैल्यू चल रही थी 1000 पॉइंट्स के आसपास। जो बढ़ते बढ़ते 2000 में करीबन 5000 के ऊपर चली जाती है। अब समय आ गया था डॉट कॉम बबल बर्स्ट का। Nasdaq में से 75% का बहुत बड़ा क्रैश आता है और उनकी वैल्यू रह जाती है सिर्फ 1100 तक की।
इस क्रैश का असर भारत में भी देखने को मिलता है। भारत में भी खासकर टेक्नोलॉजी के स्टॉक ताश के पत्तों की तरह बिखर जाते हैं। डॉट कॉम बबल में ऐसा माहौल था कि कोई भी कंपनी आती और कहती कि मेरा काम इंटरनेट से जुड़ा हुआ है और उसके पीछे डॉट कॉम लगा हुआ है तो उनकी वैल्यू रातों-रात बढ़ जाती थी। सभी टेक्नोलॉजी कंपनी में इस तरह का बबल बना हुआ था।
जब यह बबल ब्लास्ट हुआ तब अच्छी कंपनियां जैसे कि टीसीएस, इंफोसिस, आदि मैं भी भारी गिरावट हुई और उनके शेयर प्राइस को कॉस्ट टू कॉस्ट आने में 7 साल का समय लग गया था।
2008 ka Financial Crisis
साल 2008 का स्टॉक मार्केट क्रैश और फाइनैंशल क्राइसिस हममें से बहुत सारे लोगों ने देखा होगा। इसके बीज 2000 में डॉट कॉम बबल बर्स्ट के बाद ही बोए गए थे।
अमेरिका में साल 2000 से लेकर 2003 तक फेडरल फंड्स के रेट 6.5% से 1% तक घटा दिए गए। सस्ता इंटरेस्ट रेट देखकर लोग ज्यादा लोन लेने लगे और घर खरीदने लगे। इकोनामी में निवेश बढ़ गया।
लेकिन 2004 से फिर इंटरेस्ट रेट बढ़ने लगे जो 2007 तक 5.25% हो गए। घरों के दाम कम हो गए। लोगों के ने जिस दाम में घर खरीदे थे उससे बहुत कम दाम में घर मिलने लगे।
बैंक बिना सिक्योरिटी वाले को लोन दे रखे थे वह सब डिफॉल्ट होने लगे। और इसमें सबसे बड़ा नाम लेहमन ब्रदर्स (Lahman Brothers) का आया। और इस तरह 2008 मैं यह सबसे बड़ा फाइनेंशियल क्राइसिस अमेरिका में देखने को मिला। जिसकी वजह से स्टॉक मार्केट में बहुत बड़ा क्रैश आया। इसकी असर पूरी दुनिया के साथ भारत में भी पड़ी।
2015-16 ka Chinese stock market crash
12 जून 2015 में चीन का स्टॉक मार्केट क्रैश होना शुरू होता है जो 14 जून 2016 तक पूरे साल तक गिरता रहता है। चीन की सरकार ने इस क्रैश को रोकने की कोशिश की फिर भी स्टॉक मार्केट गिरता रहा।
चीन का कमजोर होता हुआ विकास और 2015 में सतत तीन बार चीन की करेंसी युआन (Yuan) का डीवैल्युएशन होना इस क्रैश के मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
2020 ka Pandemic crash
2020 में आए कोरोना पैंडेमिक ने जो तबाही मचाई उसका लाइव उदाहरण हम सब है। पूरे विश्व के सभी स्टॉक मार्केट में करीबन 50% का क्रैश 2020 के पैंडेमिक की वजह से हुआ। भारत का निफ्टी भी जो 12000 पॉइंट के ऊपर था वह टूटकर 7000 पॉइंट पर आ गया था।
लेकिन एक से डेढ़ साल में स्टॉक मार्केट फिर से रिकवर हो गया। जिसने भी पैंडेमिक के बॉटम लेवल पर खरीदारी की होगी उसको छप्पर फाड़ रिटर्न मिले हैं।
तो दोस्तों यह थे स्टॉक मार्केट के इतिहास के सबसे बड़े क्रैश। आपने भी 2020 के पैंडेमिक में हुए शेयर मार्केट क्रैश में अपना पोर्टफोलियो कैसे मैनेज किया यह मुझे नीचे कमेंट में जरूर बताना।
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Stock market crash FAQs
पिछली बार चीन में स्टॉक मार्केट क्रैश कब हुआ था?
जून 2015 में चीन में स्टॉक मार्केट करेक्शन शुरू हुआ जो पूरे 1 साल जून 2016 तक चला।
डॉट कॉम बबल बर्स्ट कब हुआ था?
साल 2000 में
द ब्लैक मंडे क्रैश कब हुआ था?
19 अक्टूबर 1987 को जब यूएस का स्टॉक मार्केट 22.6 प्रतिशत टूटा था उस दिन को द ब्लैक मंडे क्रैश भी कहते हैं।
द ग्रेट क्रैश कब हुआ था?
द ग्रेट क्रैश जिसे तो द वॉल स्ट्रीट क्रैश भी कहते हैं वह 24 अक्टूबर 1929, गुरुवार को हुआ था।
Apka post bohat badhiya hai sahab aur aise hi post dalte rahie aur hame pahuchate rahie
Thank you for your warm support.