क्या आरबीएल बैंक अगला यस बैंक हो सकता है? आरबीएल बैंक शेयर स्ट्रेटजी

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क्रिसमस का त्यौहार चल रहा है। अभी सभी बैंक में भी छुट्टियां होती है और ऐसे में आरबीएल बैंक के एमडी सीईओ विश्ववीर अहूजा भी छुट्टी पर गए हैं। ऐसे समय में आरबीएल बैंक के ऊपर एक एडिशनल डायरेक्टर बिठा दिया है। हमने भूतकाल में भी देखा है कि जब-जब आरबीआई किसी बैंक में एडिशनल डायरेक्टर अपॉइंट करती है तो उस बैंक में कोई ना कोई दिक्कत सामने आती है और उसके शेयर तेजी से गिरते हैं।

ऐसे में शेयर होल्डर्स की नींद हराम हो जाती है। इस मामले के बारे में आरबीआई और आरबीएल बैंक दोनों ने कुछ खास बताया नहीं है। हालांकि जब 27 दिसंबर 2021 को आरबीएल बैंक के शेयर तेजी से गिरे तो आरबीआई ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया कि बैंक अच्छी तरह से कैपिटलाइज़्डहै और उनकी वित्तीय स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। आरबीएल बैंक में भी पिछली रात को मीटिंग हुई थी लेकिन उन्होंने खास खुलासा नहीं किया है। तो ऐसी स्थिति क्यों बनी इसके बारे में आज हम चर्चा करेंगे।

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़े: Can RBL Bank be the new Yes Bank? RBL BANK SHARE STRATEGY

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आरबीएल बैंक में क्या दिक्कत है?

इस बात को समझने के लिए हम 10 साल पीछे चलते हैं। विश्ववीर अहूजा को 2011 में आरबीएल बैंक का एमडी एंड सीईओ बनाते हैं। आते ही उन्होंने देखा कि बैंक में कुछ बड़ी गलती चल रही है। गलती यह थी कि बैंक ने किसी एक सेक्टर में ही बहुत सारी लोन दे रखी थी और वह था रियल एस्टेट सेक्टर और उस समय यह सेक्टर काफी कमजोर था।

उन्होंने सोचा कि अगर इस समय एक सेक्टर पर किया गया लोन का कंसंट्रेशन कम नहीं किया गया तो आगे चलकर बहुत बड़ी मुश्किल हो सकती है। इस सेक्टर में बैंक का लोन कंसंट्रेशन 47% था जो आहूजा ने घटाकर 15% से भी कम पर कर दिया।

यह कदम उठाने के बाद बैंक का फाइनेंसियल अच्छा हो गया। अब मिस्टर अहूजा को बैंक का अच्छी तरह से विकास भी करना था। इसलिए उन्होंने रिटेल लोन ज्यादा देना शुरू किए। ऐसे में उनकी रिटेल लोन बुक बढ़कर 30000 करोड की हो गई। बैंक ने विकास तो अच्छा किया लेकिन यहां पर एक दिक्कत यह थी कि यह सब रिटेल लोन अनसिक्योर्ड (unsecured) था जो सबसे बड़ा जोखिम मिस्टर आहूजा ने उठाया था।

30 सितम्बर 2021 तक बैंक का कुल रिटेल लोन था 30784 करोड, जिसमें 65% लोन अनसिक्योर्ड है यानी जोखिम भरा है। यह जो लोन दिया गया था वह ज्यादातर क्रेडिट कार्ड पर दिया गया था और उसके बाद बिजनेस लोन पर दिया गया था। आप तो जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर जो लोन दिया जाता है वह बिल्कुल अनसिक्योर्ड होता है, उसके रिकवर होने की कोई गारंटी नहीं होती।

हमने भूतकाल में भी देखा कि यस बैंक जैसे बैंकों ने भी ऐसी गलती की थी। जिसका बुरा परिणाम हमें यस बैंक में देखने को मिला था। अगर हम आरबीएल बैंक और एचडीएफसी बैंक के रिटेल लॉन का कंपैरिजन करें तो एचडीएफसी बैंक का रिटेल लोन बुक है 4.94 लाख करोड़, उनमें से सिर्फ 3% ही अनसिक्योर्ड लोन है। वहीं पर आरबीएल बैंक का यह हिस्सा 65% का है। यह आंकड़े हमें बताते हैं कि विकास के लिए आरबीएल बैंक कितना बड़ा जोखिम ले रहा है।

2011 से 2021 तक जब से मिस्टर विश्ववीर अहूजा बैंक के सीईओ बने हैं तब से लेकर अब तक कंपनी का रेवेन्यू सालाना 46% से बढ़ा है और 45% की रेट से प्रॉफिट भी कंपाउंडेड सालाना बढ़ा है। यानी कि बैंक का विकास नजर आ रहा है। लेकिन मुख्य दिक्कत की बात यह है कि कंपनी के शेयर प्राइस कंपाउंडेड सालाना 10% से गिरे है।

तो हमें लगेगा कि ऐसा क्यों हुआ? देखिए इन्वेस्टर सब कुछ देखने के बाद ही निवेश करता है। इस बैंक का अच्छा विकास होने के बावजूद भी उनकी एसेट क्वालिटी अच्छी नहीं थी। बैंक का 2018 से लेकर 2021 तक का ग्रॉस एनपीए बहुत तेजी से बढ़ा है। पिछले साल दिसंबर 2020 में ग्रॉस एनपीए 1.8% था जो बढ़कर सितंबर 2021 में 5.4% हो गया है और वह बहुत ही जोखिम भरा है। साथ में Net NPA भी तेजी से बढ़ रहा है।

निवेशक निवेश करने से पहले यह जरूर देखते है की किसी भी बैंक का नेट एनपीए 1% से कम हो। लेकिन आरबीएल बैंक का नेट एनपीए सितम्बर 2021 में 2.14% पर चला गया है। यह बताते हैं कि लोन और बैंक की रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ गई है। ग्रॉथ हमें अच्छी दिखाई देती है तो हमें प्रभावित होने की जरूरत नहीं। उसके साथ बैंक का एनपीए भी चेक करना चाहिए। लोन बाटना आसान है लेकिन उसे रिकवर करना इतना आसान नहीं, यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए।

भूतकाल में यस बैंक, धनलक्ष्मी बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक पर भी एडिशनल डायरेक्टर बिठाए गए थे और उनकी हालत आज क्या हो गई है यह आपको पता ही है। यहां पर भी आरबीआई ने अभी तक कुछ खास खुलासा नहीं किया है कि उन्होंने आरबीएल बैंक पर एडिशनल डायरेक्टर क्यों बिठाया है और इस बात से शेयर होल्डर घबरा जाते हैं। ऐसे में बैंक के शेयर प्राइस गिर रहे हैं और उन्हें क्या करना है यह भी समझ में नहीं आ रहा है।

साथ में ऐसी अफ़वा भी आई थी कि राकेश झुनझुनवाला और राधाकृष्ण दमानी इस बैंक में 10 परसेंट का शेर लेने वाले हैं। लेकिन आज ही सुबह राकेश झुनझुनवाला का इंटरव्यू हुआ तो उन्होंने साफ कह दिया कि यह न्यूज़ पूरी तरह से झूठ है। इसलिए ऐसी न्यूज़ पर कोई भी एक्शन लेने से पहले सच जरूर जान लेना चाहिए और साथ में पूरी रिसर्च और एनालिसिस करना चाहिए।

आरबीएल बैंक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी

अब सब लोग पूछ रहे हैं की इस बैंक का शेयर बहुत गिर गया है तो क्या हमें आरबीएल बैंक में निवेश करना चाहिए। भूतकाल में भी यस बैंक में ऐसी स्थिति हुई थी। जब यस बैंक का शेयर ₹300 से टूटकर ₹150 हो गया था। तब बहुत लोगो ने सोचा कि यह शेयर 50% से भी ज्यादा टूट चुका है इसलिए हम निवेश कर लेते हैं। लेकिन उसके बाद स्थिति और भयानक हुई और यस बैंक का शेयर 10 रुपये से भी नीचे गिर गया था। ऐसे में जिन्होंने 150 रुपये के लेवल पर निवेश किया था उनको बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। आप भी ऐसी गलती मत करना। जब तक आरबीएल बैंक का क्या मामला है, बैंक में क्या दिक्कत है, और सभी मुश्किल हल नहीं होती तब तक इसमें निवेश करना पूरी तरह से जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए सोच समझकर ही निर्णय ले।

Dixon Technology Ltd में आईटी की रेड न्यूज़ आई थी इसलिए यह शेयर गिर गया था। लेकिन कंपनी अच्छी थी और यह मामला भी एक्सटर्नल था। इसलिए इस कंपनी का शेयर फिर से ऊपर भागा। लेकिन आरबीएल बैंक में इंटरनल मामला क्या है यह अभी तक पता नहीं है। इसलिए इस शेयर में भागकर निवेश करने का कोई मतलब नहीं बनता है। जब तक सभी समस्या का हल निकल कर न आए तब तक इसमें निवेश करना जोखिम भरा है।

FAQs

2022 में आरबीएल के शेयर प्राइस कहां तक जा सकते हैं?

अभी जो आरबीआई ने बैंक पर एडिशनल डायरेक्टर बिठाया है वह क्यों बिठाया है और बैंक की सभी दिक्कतें सामने नहीं आती तब तक इसके शेयर प्राइस का टारगेट देना मुश्किल है। इस बैंक में इतनी समस्या और शेयर प्राइस गिरने के बावजूद भी सिटी ने 250 रुपये का महत्वाकांक्षी लक्ष्य दिया है जो सोचने वाली बात जरूर है।

आरबीएल बैंक का सीईओ कौन है?

विश्ववीर अहूजा जो आरबीएल बैंक के एमडी और सीईओ 2011 से लेकर 2021 तक थे उन्होंने पद छोड़ दिया है और राजीव अहूजा को बैंक का इंटरिम एमडी और सीईओ तत्काल प्रभाव से बना दिया गया है।

आरबीआई ने आरबीएल बैंक में एडिशनल डायरेक्टर के तौर पर किसे नियुक्त किया है?

आरबीआई ने योगेश के दयाल को आरबीएल बैंक का एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त किया है।

आरबीएल बैंक में आरबीआई द्वारा नियुक्त किए गए एडिशनल डायरेक्टर कब तक नियुक्त रहेंगे?

योगेश के दयाल 24 दिसंबर 2021 को आरबीएल बैंक के एडिशनल डायरेक्टर के पद पर आरबीआई द्वारा नियुक्त किए गए और अगले 2 साल यानी कि 23 दिसंबर 2023 तक या फिर अगला आर्डर नहीं आता तब तक बैंक में इस पद पर रहेंगे।

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