अगर बैंक डूब गया तो मेरे फिक्स्ड डिपॉजिट के पैसों का क्या होगा? (Agar bank dub gaya to mere fixed deposit ke paise ka kya hoga)
हम भारत के लोग इन्वेस्टमेंट की जगह अपने पैसे बैंक में एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। हमें लगता है कि यहां पर हमारा पैसा सुरक्षित है और 7 से 8 साल में यह डबल भी हो जाएगा। लेकिन वैश्विक महामारी की वजह से अब सभी बैंक ने अपने ब्याज दर (interest rate) को कम कर दिया है। इसमें सेविंग अकाउंट सहित फिक्स डिपाजिट के भी ब्याज दर कम हुए हैं। इसीलिए जो फिक्स डिपाजिट में पड़ा पैसा पहले 7-8 साल में डबल होता था वहां पर अब करीबन 10 साल लगते हैं। साथ में हम इस लेख में यह भी जानने की कोशिश करेगी कि अगर बैंक डूब गया या किसी स्कैम में फस गई तो हमारे सेविंग और एफडी के पैसों का क्या होगा? क्या हमें सभी पैसे वापस मिलेंगे?
Fixed deposit kitne saal me double hota hai?
(फिक्स डिपाजिट कितने साल में डबल होता है?)
यह आपके बैंक के ब्याज दर पर निर्भर करता है। लोकडाउन से पहले बैंक 7% से भी ज्यादा का इंटरेस्ट रेट हमारी एफडी पर देता था। इसलिए हमारे पैसे 7-8 साल में डबल हो जाते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद ब्याज दर कम होकर सिर्फ 5.30 और 6% से भी कम हो गया है। इसलिए हमारे एफडी में रखे हुए पैसे को डबल होने में करीब 10 साल लग जाते हैं।
Fixed deposit me Bhartiyo ka kitna Paisa jama hai?
(फिक्स डिपॉजिट में भारत का कितना रुपया जमा पड़ा है?)
ज्यादातर लोग अपने पैसे बैंक के सेविंग अकाउंट में रखते हैं या फिर उसकी फिक्स डिपाजिट करवा लेते हैं। भारतीय लोगों का 125 लाख करोड़ से भी ज्यादा का रुपया अपने सेविंग अकाउंट में पड़ा है या फिर फिक्स डिपाजिट के रूप में पार्क किया हुआ है। और इसके ऊपर खतरा भी कैसे बढ़ता जा रहा है आइए यह समझते हैं।
Kya apka paisa bank me safe hai?
(क्या मेरा पैसा फिक्स डिपॉजिट में सुरक्षित है?)
हम अपना पैसा बैंक में सेविंग या एफडी में सुरक्षित समझते हैं। लेकिन किस बैंक के ऊपर कब क्या मुसीबत आ जाए या फिर कौन सा स्कैम बाहर आ जाए वह हमें नहीं पता रहता।
आरबीआई के डिस्क्लेमर के अनुसार जितना भी बैंकिंग क्रेडिट होता है उससे 10% से भी ज्यादा पैसा अब तक Zombie Firms को दिया जा चुका है। अब आप पूछोगे कि जोंबी फर्म्स क्या है?
Zombie Firms ऐसी कंपनी होती है जो अपना घाटा (loss) तो निरंतर बना रही है लेकिन साथ में बैंक के क्रेडिट के ऊपर ही उसके बड़े-बड़े खर्चे टिके हुए हैं। ऐसे में ऐसी कंपनी या फर्म डिफॉल्ट होती है तो बैंक का पैसा खतरे में आ जाता है।
जब भी बैंक के सामने ऐसे डिफॉल्ट का केस आता है तो बैंक हमेशा नेगोशिएट करने की कोशिश करती है कि कर्जे में दिया हुआ उसका थोड़ा बहुत पैसा वापस मिल जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो बैंक को अपने असेट्स (assets) को बेचना पड़ता है। अगर कुछ भी हल नहीं निकलता तो हो सकता है कि बैंक ही bankrupt हो जाए।
Agar Bank divaliya ghoshit ho gayi to kya hoga?
अगर बैंक दिवालिया घोषित हो गई तो क्या हमारा पैसा वापस मिलेगा? नियमों के अनुसार अगर ऐसा होता है तो हमें सिर्फ 5 लाख रूपए ही महत्तम मिल सकते हैं।
अगर आपका 1 करोड़ रूपए भी बैंक के अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट में पड़ा है तो सिर्फ मैक्सिमम 5 लाख रूपए का ही सिक्योरिटी या इंश्योरेंस होता है। मतलब कि आपको सिर्फ ₹500000 ही मिलेंगे।
पहले यह सिक्योरिटी लिमिट एक लाख की थी। लेकिन आपको पता है कि पिछले कुछ सालों में बैंकों में हुए घोटालों की वजह से यह लिमिट बढ़ाकर ₹500000 कर दी गई है।
ज्यादातर अच्छी और बड़ी बैंक दिवालिया नहीं हो सकती। लेकिन फिर भी कुछ नहीं कह सकते। कुछ घोटालों ने यह साबित कर दिया है कि कुछ भी हो सकता है। अगर इस जोंबी फर्म का क्रेडिट बढ़ता जाता है तो आपके और हमारे लिए दिक्कतें बढ़ती जाती है। हालांकि अब सरकार और आरबीआई ऐसा कुछ ना हो उसके लिए गंभीरता से इस मामले में सख्त कदम ले रही है। आपका ओपिनियन क्या है या नीचे मुझे कमेंट में जरूर बताइएगा।
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If FD is for amount of less than Rs.5,00,000=00 then in case of bank getting bankrupt,how much amount the FD holder will get,meaning by full amount upto 5 lacs OR in propotionate ratio.
You are insured for up to 5 lac means your FD plus Interest earning is up to 5 lac you will get all amount.