अगर आप स्टॉक मार्किट में निवेश करने की रूचि रखते हो तो आपको इसे समझना होगा और इससे जुड़े बहुत सारी शब्दावली एवं इंडीकेटर्स भी है जिसे जानना जरुरी है। आज इस लेख के जरिये हम आर्बिट्राज, फर्स्ट मूवर एडवांटेज और आरएसआई डाइवर्जेंस के बारे मे जानकारी लेंगे।
Arbitrage kya hai aur kaise kaam karta hai?
आर्बिट्रेज एक फ्रेंच शब्द है जिसका 1704 में सबसे पहले Mathieu de la Porte ने अपने ट्रिएटाइज La science des négociants et teneurs de livres में उपयोग किया था जिसमे अलग अलग एक्सचेंज पर एक ही वस्तु या एसेट के अलग अलग भाव से कैसे फायदा लिया जाए वह बताया गया है।
इकोनॉमी और फाइनेंस की दुनिया में आर्बिट्रेज (Arbitrage) विभिन्न प्लेटफॉर्म, एक्सचेंजों या स्थानों पर संपत्ति की एक साथ खरीद और बिक्री करके लाभ प्राप्त करने की एक स्ट्रेटजी है। जो लोग आर्बिट्रेज के जरिए ट्रेडिंग करते हैं उसको आर्बिट्रेजर कहते है।
इसमें इन्वेस्टर विभिन्न एक्सचेंजों पर एक ही एसेट जैसे कि बॉन्ड्स, कमोडिटीज, करेंसी आदि खासकर स्टॉक की कीमतों में मामूली अंतर का लाभ उठाते हैं। उदाहरण के तौर पर NSE पर किसी एक शेयर का मूल्य 250 है और BSE पर वही शेयर का मूल्य 251 है तो इन्वेस्टर इसी एक रुपए के डिफरेंस पर कमाई करने का लाभ उठाते है।
इसमें इन्वेस्टर एक एक्सचेंज पर एक विशिष्ट मात्रा में वह शेयर खरीदते हैं और कुछ ही सेकंड में इसे दूसरे पर बेचते हैं। साथ ही, लेन-देन की कॉस्ट को कवर करने के लिए व्यापार पर भुगतान काफी बड़ा होना चाहिए।
रिस्क आर्बिट्रेज, कन्वर्टिबल आर्बिट्रेज, नेगेटिव आर्बिट्रेज, रिटेल आर्बिट्रेज, स्टेस्टिकल आर्बिट्रेज आदि विभिन्न आर्बिट्रेज के टाइप्स है।
First-Mover Advantage (FMA) kya hai?
फर्स्ट-मूवर एडवांटेज (FMA) एक कंपनी द्वारा प्राप्त किया गया एक एडवांटेज है जो सबसे पहले किसी उत्पाद या सर्विस को मार्केट में पेश करती है। एफएमए में से कंपनी को शुरुआती बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करने में मदद मिलती है।
FMA के फायदे
इसके कुछ फायदे हैं जैसे कि FMA से कंपनी की स्ट्रॉन्ग ब्रांड वैल्यू बनती है और कस्टमर्स पर अच्छा प्रभाव पड़ता है एवं विश्वास दिलाती है।
इससे कंपनी अपने रिसोर्सेज को कंट्रोल कर सकते हैं जैसे कि स्ट्रेटेजिक लोकेशन, सप्लायर्स से प्रीमियम कॉन्ट्रैक्ट मिलना, टैलेंटेड एंप्लॉयज को हायर करना आदि।
अगर फर्स्ट मूवर्स का ब्रांड अच्छे से बन गया तो उसे बायर स्विच कॉस्ट भी अच्छी मिलती है।
FMA के नुकशान
इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि कस्टमर्स को नए प्रोडक्ट या सर्विस ट्राई करने के लिए प्रमोशन और रिसर्च के लिए बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट भी लगता है जिसमे सेकंड मूवर्स को आसानी रहती है।
फर्स्ट मूवर्स जो गलती करते हैं उसे सेकंड मूवर्स अवॉइड कर सकते हैं और जहां पर इंप्रूवमेंट की जरूरत है वहा पर प्रोडक्ट्स को बेहतर बना सकते हैं।
जो प्रोडक्ट एवं सर्विस बनी है उसे बैटर इंजीनियरिंग करके और बेहतर या मोडिफाई कर सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर Starbucks कॉफी की दुनिया में बहुत बड़ा नाम है जिसने फर्स्ट मूवर्स से बहुत बड़ा ब्रांड नेम बना दिया है। वही पर Yahoo फर्स्ट मूवर्स था लेकिन Google ने लेटर मूवर्स या एंट्रेंट के तौर पर आज सबसे बड़ा सर्च इंजन है।
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RSI divergence kya hai?
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स यानी कि आरएसआई एक महत्वपूर्ण मोमेंटम ऑसिलेटर है।
इससे किसी भी सिक्योरिटीज में प्राइस में चेंज यानी कि ओवरवैल्यूड और अंडरवेल्यू को स्टडी किया जाता है।
इसे सबसे पहले 1978 में J. Welles Wilder Jr. ने New Concepts in Technical Trading Systems बुक में इंट्रोड्यूस किया था।
आरएसआई डाइवर्जेंस यह इंडिकेट करता है कि प्राइस एक्शन और आरएसआई एक ही गति दिखा रहा है। यह ट्रेंड को स्टडी करने का एक महत्व का इंडिकेटर है।
आरएसआई डाइवर्जेंस पॉजिटिव और नेगेटिव डाइवर्जेंस दोनो तरह के हो सकते हैं।
पॉजिटिव डाइवर्जेंस तब होता है जब कीमत में लोअर लॉ बनता है लेकिन आरएसआई हायर हाई बनाता है। यह दर्शाता है कि कीमत में गिरावट ने अपनी गति खो दी है।
इसी तरह, नेगेटिव डाइवर्जेंस तब देखा जाता है जब कीमत अधिक ऊंची हो जाती है, लेकिन आरएसआई लोअर हाई बनाता है।
अन्य इंडिकेटर्स को स्टडी करके आरएसआइ में पॉजिटिव डाइवर्जेंस बुलिश माना जाता है।