क्यों अमेरिकी लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं करते?

व्हाट्सएप का उपयोग हम भारत के लोग बहुत ज्यादा करते हैं। कुछ लोग तो हर 5 मिनट में चेक करते रहते हैं कि कोई नया व्हाट्सएप मैसेज आया या नहीं। व्हाट्सएप कि हमें आदत सी हो चुकी है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में व्हाट्सएप का इस्तेमाल ना के बराबर होता है। वहां के लोग मैसेज व्हाट्सएप से नहीं लेकिन डायरेक्ट नेटवर्क ऑपरेटर की मदद से ही भेज देते हैं। आइए जानते हैं ऐसा क्यों?

भारत में जब व्हाट्सएप आया उससे पहले मैसेज भेजना बहुत महंगा था।

सस्ते में टेक्स्ट मैसेज भेजने के लिए हम लोग अपने नेटवर्क ऑपरेटर से मैसेज पैक (message pack) खरीदते थे। वह भी बहुत महंगा मिलता था। करीब 250 से 300 रुपए महीने का मैसेज पैक होता था।

मैसेज पैक खरीदने के बाद भी हम दिन के 50 से 100 मैसेज ही भेज सकते थे। मासिक मैसेज की लिमिट होने की वजह से हमने कितने मैसेज भेजे उसकी भी गिनती रखनी पड़ती थी।

यानी कि कंजूसी करके मैसेज भेजने पड़ते थे और इंटरनेशनल मैसेज की बात ही छोड़ दीजिए वह इतना महंगा था।

बाद में भारतीय टेलीफोन मार्केट (Indian telecom market) में जियो की एंट्री हुई और इंटरनेट इस्तेमाल करना बहुत ही सस्ता हो गया।

ऐसे में व्हाट्सएप का उपयोग भी बढ़ गया। और यहां पर आप अनलिमिटेड मैसेज भेज सकते हो। इसी तरह भारत के हर व्यक्ति के मोबाइल में व्हाट्सएप पहुंच गया और सामान्य टेक्स्ट मैसेज भेजना बंद हो गया।

लेकिन हम अमेरिका की बात करें तो वहां पर पिछले 10 से भी ज्यादा सालों से मैसेज भेजना बहुत ही सस्ता है। उनके मोबाइल फोन प्लांस में ही फ्री एसएमएस मिलते थे।

वहां पर इंटरनेट खरीदना बहुत महंगा था। इसलिए अमेरिकी लोग इंटरनेट कम खरीदते थे और आप तो जानते ही हो कि इंटरनेट सर्विस के बिना व्हाट्सएप नहीं चलता।

इसी तरह यूनाइटेड स्टेट्स के लोग कभी भी व्हाट्सएप पर शिफ्ट हुए ही नहीं। आज भी वहां पर बहुत कम लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं।

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