सेबी ने अपनी जांच रिपोर्ट में NSE के कई अधिकारियों को दोषी और जिम्मेदार ठहराया है।
चित्रा रामकृष्णा
चित्रा इस केस की मुख्य दोषी है। NSE के कई सारे सीक्रेट्स चित्रा ने योगी के साथ शेयर किए है।
रवि नारायण
रवि नारायण पर यह आरोप है कि उसे चित्रा के सारे मिसकंडक्ट जानने के बावजूद भी चित्रा को सारे लाभ के साथ अचानक रिजाइन करने की परमिशन दे दी थी। यह NSE की पॉलिसी के खिलाफ है।
वीआर नरसिम्हन
सेबी का यह कहना है कि वीआर नरसिम्हन जो NSE का उस वक्त चीफ रेगुलेटरी ऑफिसर था उसे अपनी जजमेंट और नॉलेज अप्लाई करके आनंद की अपॉइंटमेंट को रोकना था।
जे रविचंद्रन
जे रविचंद्रन पर भी सेबी ने कहा कि वह NSE के सेक्रेटरी होने के कारण कंपनी के ऑडिट पर ध्यान देना चाहिए था। क्योंकि उसे बार-बार चित्रा द्वारा हो रहे मिसकंडक्ट को बताया गया था।
आनंद सुब्रह्मण्यन
आनंद ही हिमालय का अज्ञात योगी बनकर चित्रा को अपने इन सभी मायाजाल में फंसा कर अपना फायदा निकाला है।
सेबी ने चित्रा, रवि नारायण, NSE, वीआर नरसिम्हन, और आनंद को सेबी के नियमों की विभिन्न उल्लंघनों का दोषी पाया है। इसलिए इन सब पर कड़ा जुर्माना लगाया गया है।