चश्मे इतने महंगे क्यु होते हैं?
क्योकि चश्मा की मोनोपोली वाली एक कंपनी जो 80% ब्रांड का मालिक है।
पूरे विश्व में चश्मा की बहुत सारी कंपनियां है जैसे की RayBan, Oakley, Versace, Armani, Prada, Chanel और इसके अलावा बहुत सारी लग्जरी ब्रांड भी है।
अगर कोई चश्मा ₹500 का भी बनता है तो उसे 8000 या 10000 रुपए में बेचा जाता है। तो सवाल यह उठता है कि यह चश्में में इतने महंगे क्यों होते हैं?
इसका मुख्य कारण है कि इन सारी ब्रांड या अलग-अलग कंपनियों को एक ही कंपनी कंट्रोल करती है।
बहुत सारे ब्रांड जैसे कि RayBan, ओकले, परसौल, कोच आदि की तो यह कंपनी खुद ही मालिक है।
बाकी बचे जो लग्जरी ब्रांड है उसके लिए चश्मा की मैन्युफैक्चरिंग का काम भी यह कंपनी करती है और साथ में उसको बेचने का काम भी करती है।
ऐसे में अगर कोई कंपनी चश्मा का बिजनेस अलग से करना चाहती है तो वह कंपनी उसे खरीद लेती है। अगर वह बेचने के लिए तैयार ना हो तो उनके सारे प्रोडक्ट अपने रिटेल चैनल से हटा देती है।
इसी तरह यह कंपनी चश्मे के धंधे में एक वर्चुअल मोनोपोली की तरह काम करती है।
और कंपनी का नाम है Luxottica
शायद आपने इसका नाम भी ना सुना हो।
2017 में यह कंपनी Essilor जो एक बहुत बड़ी ब्रांड है उसके साथ विलय हो गई और अब इन दोनों की साथ में मार्केट वैल्यूएशन 70 बिलियन डॉलर की है।
तो है ना मजेदार चश्मे की मोनोपोली का बिजनेस। नीचे दी गई लिंक पर बहुत सारे ब्रांड के अच्छे-अच्छे चश्मे के डिजाइन और मॉडल है। जरा नजर तो लगाते जाइए।