किसी भी शेयर में कोई भी अच्छी या बुरी खबर या कोई भी अफ़वा उसको बहुत ऊपर या नीचे ले जा सकती है। स्टॉक मार्केट के इंडेक्स निफ़्टी, सेंसेक्स, बैंक निफ़्टी आदि में भी ऐसी खबरों का बहुत असर पड़ता है।
लेकिन हमें ऐसी खबरों का जब तक पता चलता है तब तक उस स्टॉक या इंडेक्स में बहुत बड़ा मूवमेंट आ चुका होता है और यह ऑपर्च्युनिटी हम चूक जाते हैं।
लेकिन मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री हैं। उसे सब कुछ पता होता है कि किस सेक्टर में ज्यादा विकास और इन्वेस्टमेंट की जरूरत है, किस सेक्टर में ज्यादा पैसों का निवेश होगा।
देश में क्या बुरा क्या अच्छा होने की संभावना है। किसका कहां पर मर्जर होगा, किसका एक्विजिशन होगा, किसको कितना आर्डर मिलेगा और ऐसी कई तरह की जानकारी मोदी जी को पहले से ही पता होती है।
तो क्या ऐसी जानकारी का उपयोग मोदी जी स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है?
इस सवाल का जवाब हमें मिलता है सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स 1964 के रूल्स 16 में।
इस नियम के मुताबिक मोदी जी तो क्या और कोई भी गवर्नमेंट अधिकारी या उनके फैमिली मेंबर्स स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग यानी स्पेक्युलेटिव एक्टिविटी नहीं कर सकते।
यह सब सरकारी अधिकारी एक्टिव या पैसिव लॉन्ग टर्म निवेश कर सकते हैं। लेकिन इन सभी निवेश का अच्छी तरह से डिस्क्लोजर देना होगा।
क्या आप जानते हैं अभी तक मोदी जी के पास कोई भी स्टॉक में निवेश नहीं है।
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