स्टॉक मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे वह निर्भर करता है आज आप जो गाना सुन रहे हो उस पर।
यकीन नहीं होता ना? चलिए समजते है।
चाहे रिटेल इन्वेस्टर हो या बड़े बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर, निर्णय लेने वाला हमेशा इन्सान ही होगा और छोटे समय के लिए मार्केट इमोशंस पर निर्भर रहता है।
आपकी इमोशंस आपके म्यूजिक प्लेलिस्ट से ट्रैक किया जा सकता है। यह डाटा एप्पल म्यूजिक और स्पॉटिफाई जैसे म्यूजिक ऐप्स आराम से शेयर कर देंगे। क्योंकि उसके लिए तो यह एक कमाने की तक है।
अब यह काम कैसे करता है?
हर गीत के लिरिक्स होते हैं जिसको नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करके हम 8 कोर इमोशंस जैसे कि खुशी, दुःख, गुस्सा, घृणा, सरप्राइज, भय, विश्वास, एंटीसिपेशन आदि के साथ लिंक कर सकते हैं।
किसी भी देश के टॉप 100 ट्रेंडिंग सोंग का एनालिसिस करके यह पता लगाया जा सकता है कि वह देश इस समय किस मूड में है।
जनरल ऑफ फाइनेंसियल इकोनॉमिक्स में पब्लिक हुई इस स्टडी ने 40 देशों में प्रयोग करके यह साबित कर दिया है की म्यूजिक सेंटीमेंट इस हफ्ते और अगले हफ्ते मार्केट में पॉजिटिव या नेगेटिव असर डाल सकता है।
यानी कि आज हमने हैप्पी सोंग्स सुन रहे है तो इस सप्ताह मार्केट अच्छा परफॉर्म करेगा।
लेकिन अगले सप्ताह ही हमें मालूम हो जाएगा कि पिछले सप्ताह वाला रिटर्न इमोशन से प्रेरित है। इसलिए मार्केट थोड़ा सा करेक्ट भी हो जाता है।
तो ना चाहते हुए भी हम रोजिंदा जीवन में जो काम करते हैं वह बहुत सारी कंपनी के लिए बहुत बड़ा डाटा बन जाता है।
जैसे गाना स्टॉक मार्केट इंडिकेटर है वैसे ही अंडरवियर और लिपस्टिक भी मार्केट इंडिकेटर है।
है न मजेदार बात?
तो इस इंडिकेटर के बारे में जानकारी के लिए