लिपस्टिक मार्केट इफेक्ट क्या है?
जब जब इकोनामी में डाउनट्रेंड आता है तब तब लोगों की नौकरियां चली जाती है। इसकी वजह से लोगों के पास पैसे भी कम या खत्म हो जाते हैं।
जब पैसा कम है तो लोग चीजों की डिमांड नहीं करते और खरीदारी कम कर देते हैं।
लेकिन इस दौरान कुछ चीजें ऐसी होती है जिसकी डिमान्ड या खरीदारी बढ़ जाती है। मैं आवश्यक उत्पादों की बात नहीं कर रहा हूं मैं बात कर रहा हूं लिपस्टिक की।
अब आप सोचोगे कि पैसा ही नहीं है तो लोग लिपस्टिक क्यों खरीदेगे?
रिसर्च से यह पता चला है कि जब पैसा नहीं होता है तो जीवन में मोटिवेटेड रहने के लिए और खुद को संतुष्ट रखने के लिए लोग कोई सस्ता विकल्प ढूंढते हैं।
इस दौरान लोग महंगी और लग्जरी उत्पाद तो नहीं खरीद सकते। इसलिए वह छोटी छोटी और सस्ती चीजें ढूंढते हैं।
लिपस्टिक इसमें में से एक है। इस फिनोमेना को बोलते हैं तो द लिपस्टिक इफेक्ट और यह एक मार्केट इंडिकेटर भी है।
कोविड पेंडेमिक में जब लॉकडाउन लगा था और लोग मास्क पहन रहे थे ऐसे समय में लिपस्टिक की डिमांड तो नहीं बढ़ी होगी।
लेकिन लिपस्टिक की जगह कोई ऐसी भी चीज हो सकती है जो लोगों को छोटी छोटी खुशियां दे सके।
आप मुझे मेरी वेबसाइट
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पर जाकर जरूर बताना कि ऐसी कौन सी उत्पाद या कंपनी है जिसने लॉकडाउन में लिपस्टिक इफेक्ट से ज्यादा सेल्स की।
जैसे लिपस्टिक मार्केट को मूव कर सकती है वैसे ही हमारे
Underwear
और
Music
भी मार्केट इंडिकेटर है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए
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