हम अपना पैसा बैंक में सेविंग या एफडी में सुरक्षित समझते हैं। लेकिन किस बैंक के ऊपर कब क्या मुसीबत आ जाए या फिर कौन सा स्कैम बाहर आ जाए वह हमें नहीं पता रहता।
भारतीय लोगों का 125 लाख करोड़ से भी ज्यादा का रुपया अपने सेविंग अकाउंट में पड़ा है या फिर फिक्स डिपाजिट के रूप में पार्क किया हुआ है। और इसके ऊपर खतरा भी कैसे बढ़ता जा रहा है आइए यह समझते हैं।
आरबीआई के डिस्क्लेमर के अनुसार जितना भी बैंकिंग क्रेडिट होता है उससे 10% से भी ज्यादा पैसा अब तक Zombie Firms को दिया जा चुका है।
Zombie Firms ऐसी कंपनी होती है जो अपना घाटा तो निरंतर बना रही है साथ में बैंक के क्रेडिट के ऊपर ही उसके बड़े-बड़े खर्चे टिके हुए हैं। ऐसे में यह डिफॉल्ट होती है तो बैंक का पैसा खतरे में आ जाता है।
जब भी बैंक के सामने ऐसे डिफॉल्ट का केस आता है तो बैंक हमेशा नेगोशिएट करने की कोशिश करती है कि कर्जे में दिया हुआ उसका थोड़ा बहुत पैसा वापस मिल जाए।
अगर ऐसा नहीं होता तो बैंक को अपने असेट्स (assets) को बेचना पड़ता है। अगर कुछ भी हल नहीं निकलता तो हो सकता है कि बैंक ही bankrupt हो जाए।
अगर बैंक दिवालिया घोषित हो गई तो क्या हमारा पैसा वापस मिलेगा? नियमों के अनुसार अगर ऐसा होता है तो हमें सिर्फ 5लाख रूपए ही महत्तम मिल सकते हैं।
अगर आपका 1 करोड़ रूपए भी बैंक के अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट में पड़ा है तो सिर्फ मैक्सिमम 5 लाख रूपए का ही सिक्योरिटी या इंश्योरेंस होता है। मतलब कि आपको सिर्फ ₹500000 ही मिलेंगे।