क्या होगा अगर मैकडॉनल्ड्स के सभी आउटलेट्स पर बर्गर की बिक्री 50% तक कम हो जाये?
रिचर्ड और मौरिस मैकडॉनल्ड ने 1940 में एक फास्ट-फूड कंपनी की स्थापना की और इसका नाम मैकडॉनल्ड्स रखा।
1955 में रे क्रोक एक फ्रेंचाइजी एजेंट के रूप में कंपनी में शामिल हुए और बाद में 1961 में उन्होंने कंपनी का अधिग्रहण कर लिया।
100 से अधिक देशों में वे फ्रेंचाइजी श्रृंखलाओं के माध्यम से अपने फास्ट फूड आइटम परोसते हैं।
अब आप सोच सकते हैं कि मैकडॉनल्ड्स फास्ट फूड बेचने से अपना बड़ा राजस्व कमाता है। लेकिन हकीकत यह है कि इसका बड़ा राजस्व उस फ्रेंचाइजी के किराए से आता है।
किसी को भी अपनी फ्रैंचाइज़ी देने से पहले, मैकडॉनल्ड्स उस जमीन को खरीदता है। फिर उसके बाद फ्रेंचाइजी के लिए उस जमीन को लीज या किराए पर देती है।
मैकडॉनल्ड्स की फ्रैंचाइज़ी लेने वाला व्यक्ति आउटलेट चलाता है और लाभ कमाता है। वह मैकडॉनल्ड्स को रॉयल्टी के साथ-साथ संपत्ति के किराए का भी भुगतान करता है।
मैकडॉनल्ड्स ने यह क्लॉज़ भी डाला कि अगर संपत्ति का मूल्य बढ़ता है, तो किराया भी बढ़ेगा।
ऐसे में अगर फास्ट फूड सेलिंग का रेवेन्यू काफी कम हो जाता है तो मैकडॉनल्ड्स की कमाई में कोई कमी नहीं आएगी। क्योंकि इसकी किराये की कमाई से मैकडॉनल्ड्स के लिए आय होती रहेगी।
रे क्रोक, जिन्होंने 1961 में मैकडॉनल्ड्स खरीदा था, एक समय भारी कर्ज में थे और उन्हें अपना घर भी गिरवी रखना पड़ा क्योंकि वह बहुत तेजी से कंपनी का विस्तार कर रहे थे।
उस समय एक चतुर वकील ने उनसे कहा कि तुम बर्गर बेचने के धंधे में नहीं हो, बल्कि संपत्ति बेचने के धंधे में हो।
संपत्ति का किराया और किराये की आय 2010 से 2021 की अवधि में 30% बढ़ी।
2005 में इसका राजस्व 19117 मिलियन अमरीकी डालर था जो 2019 में बढ़कर 21077 मिलियन अमरीकी डालर हो गया। जबकि इसकी कुल संपत्ति 2005 से 2019 तक 30000 मिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 48000 अमरीकी डालर हो गई।